Saturday, June 12, 2010

मेरा गॉव मेरी नजर से , क्या बोलू क्या लिखू

मेरा गॉव सबसे न्यारा , लगता मुझको पुरे जहां से प्यारा मेरा गॉव

मेरा गॉव मेरी नजर से , क्या बोलू क्या लिखू ---

उत्तराखंड मै मेरा गॉव  की प्राकृतिक सुन्दरता का गुणगान शब्दों मै नही किया जा सकता, मंत्रमुग्ध कर देने वाला मेरा गॉव चलो कुछ कोशीश करता हु लिखने का ---

दोस्तो जैसे आप लोग जानते है कि उत्तराखंड की अपनी एक अलग पहिचान है, अपनी एक अलग संस्कृति सभ्यता,भाषा-बोली है और इसी के आधार पर उत्तराखंडी लोगों की पहिचान की जा सकती है. कहते है कि किसी ब्यक्ति विशेष के नाम से ही उसकी पहिचान की जा सकती है, जैसे कि वो किस मुल्क का रहने वाला है, कोन सी भाषा को बोलने वाला है, उसका धर्म क्या है, समाज क्या है, ये सब उसके नाम से पता लगाया जा सकता है. पहले उत्तराखंडियों लोगों के नाम से ही उनकी पहिचान हो जाती थी, ऐसे नाम जो दुनिया के किसी भी कोने में नही पाये जाते थे, वो नाम होते थे उत्तराखंडियों के, जो कि अपने आप में अदुतीय थे.

प्रकृति की गोद में बसा मेरा उत्तराखंड के अल्मोडा जिले के तल्ला सल्ट में बसा मेरा गॉव हरडा, जीसमें  लगभग २०० परिवार निवास करते है ! लगभग २० - ३० गॉव के मध्य में स्थित होने के और आपनी बहुत से विशेताओ के करड पुरे इलाके में प्रशीध है ! गॉव के जायदा यूया बर्ग बाहर रहता है ! मेरा गॉव में एक पराचीन स्कूल है ये स्कूल तब का बना हुआ है जब आस - पास बहुत दूर - दूर तक स्कूल नहीं थे पर दुःख होता है आज उस स्कूल की दशा को देख कर आज वो आपने आप को जीवीत रखने की लिये संघेर्ष कर रहा है !               
सड़क गॉव के बीचु - बीच से होकर गुजरती है ! और मेरे गॉव में वहा की सथानीय मार्केट है जो वहा और आस - पास के २०-३० गॉव की अव्स्कतावो की पूर्ती करती है !  हस्पताल भी ५ की.मी. की दूरी पर है    
 
मेरे गॉव की एक और वीसेस्ता ये है की यहाँ पर साल में दो बार मेले लगते है, एक महाशिवरात्री का और दुसरा मेला सल्दे का लगता है जो की वहा पर बहौत प्रशीद है ! इनको देखन के लिये दूर - दूर से लोग आया करते है !  

1 comment:

Prahlad Tadiyal said...

राजीव दादा

आपका बहुत - बहुत धन्यबाद !!!